वर्ष 1923 |
सचिव पी0डब्लू0डी0 एवं मुख्य अभियन्ता का कार्यालय इलाहाबाद से लखनऊ स्थानान्तरित किया गया। |
6 मई, 1924 |
कानपुर में विभाग के अभियन्ताओं द्वारा यूनाईटेड प्राविन्सेज इन्जीनियर्स एसोसिएशन (United Provinces Engineers’ Association) का गठन किया गया। |
वर्ष 1927 |
सा0नि0वि0 से अलग सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की स्थापना तथा नियंत्रण नागरिक परिषद को दिया गया। |
वर्ष 1931 |
सा0नि0वि0 से रेलवे कार्य अलग कर दिये गये। |
अप्रैल 1933 |
श्री राय बहादुर छुट्टन प्रथम भारतीय मुख्य अभियन्ता बनाये गये। |
वर्ष 1938 |
सा0नि0वि0 से सिंचाई कार्यों को पृथक कर सिंचाई विभाग स्थापित किया गया। |
वर्ष 1940-41 |
उक्त कार्यों को पृथक करने से सा0नि0वि0 में एक मुख्य अभियन्ता, 02 अधीक्षण अभियन्ता तथा 07 अधिशासी अभियन्ता रह गए । |
वर्ष 1944 |
इसी बीच द्वितीय विश्व युद्ध के कारण सैन्य अभियन्त्रण (M.E.S.) के कार्यों की गति बढ़ गई और 1944-45 से 02 मुख्य अभियन्ता, 05 अधीक्षण अभियन्ता व 22 डिविजनल आफिसर हो गये |
वर्ष 1945 |
थामसन इन्जीनियरिंग कालेज रूड़की पुनः विभाग के नियन्त्रणाधीन हुआ। |
वर्ष 1946 |
सा0नि0वि0 में एक रिसर्च इन्स्टीट्यूट भी खोला गया। |
वर्ष 1947 |
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् प्रान्त का नाम उत्तर प्रदेश हो गया। |
वर्ष 1948 |
थामसन इंजीनियरिंग कालेज रूड़की, यूनिवर्सिटी बनकर शिक्षा विभाग के तहत हो गया। |
वर्ष 1963 |
इंजीनियरों द्वारा विभागीय पद्वति से स्वयं देखरेख में कार्य करने के प्रयोग के रूप में D.C.U. (विभागीय निर्माण ईकाई) की स्थापना की गई। |
वर्ष 1965 |
आवासीय योजनाओं को गति प्रदान करने हेतु आवास विकास परिषद की स्थापना की गयी। |
वर्ष 1970 |
ग्रामीण विकास को गति प्रदान करने हेतु ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा तथा लघु सिंचाई विभाग की स्थापना की गयी। |
वर्ष 1972 |
सेतु कार्यों को गति प्रदान करने हेतु उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की स्थापना की गयी। |
वर्ष 1972 |
L.S.G.E.D. का जल निगम में परिवर्तन किया गया। |
वर्ष 1976 |
नलकूप निगम की स्थापना की गयी । |
वर्ष 1976 |
सेतु निगम की सफलता के आधार पर विभागीय रीति से भवन निर्माण कार्य हेतु, उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम की स्थापना हुई, जिसने भवन निर्माण के क्षेत्र में प्रदेश का गौरव बढ़ाया। विद्युत उत्पादन व वितरण हेतु राज्य विद्युत परिषद का गठन किया गया। सिंचाई विभाग में ट्यूबवेल कार्पोंरेशन का गठन किया गया। जल निगम में कंस्ट्रक्शन एवं डिजाइन सर्विसेज के नाम से Consultancy Corporation का गठन किया गया। |
वर्ष 1980 |
प्रदेश को चार क्षेत्रों, पष्चिम, मध्य, पूर्वी एवं पर्वतीय क्षेत्र में बांटते हुये मेरठ, लखनऊ, वाराणसी व गढ़वाल को मुख्यालय बनाते हुए क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं की तैनाती की गयी। |
02.11.1983 |
मुख्य अभियन्ता (भवन) की तैनाती की गयी। |
27.02.1985 |
पूर्वी क्षेत्र वाराणसी से पृथक कर गोरखपुर क्षेत्र बनाते हुए मुख्य अभियन्ता की तैनाती की गयी। |
01.06.1985 |
मुख्य अभियन्ता (राष्ट्रीय मार्ग) की तैनाती की गयी। |
04.06.1985 |
पश्चिम क्षेत्र मेरठ से पृथक कर उत्तर पश्चिमी क्षेत्र बरेली व मध्य क्षेत्र लखनऊ से पृथक कर दक्षिण मध्य क्षेत्र कानपुर बनाते हुए मुख्य अभियन्ताओं की तैनाती की गयी। |
01.08.1987 |
मुख्य अभियन्ता (वि/यां) की तैनाती की गयी। |
07.09.1987 |
कानपुर क्षेत्र से पृथक कर झांसी, बरेली क्षेत्र पृथक कर आगरा व गोरखपुर क्षेत्र पृथक कर फैजाबाद क्षेत्रों को बनाते हुए मुख्य अभियंताओं की तैनाती की गयी। |
10.04.1990 |
सार्वजनिक निर्माण विभाग का नाम लोक निर्माण विभाग में परिवर्तित कर दिया गया। |
05.12.1990 |
वाह्य सहायतित विश्व बैंक (मार्ग परियोजना) के कार्यों के सम्पादन हेतु मुख्यालय लखनऊ पर मुख्य अभियन्ता (स्तर-1) का पद स्वीकृत किया गया। |
11.10.1990 |
क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ता कार्यालय में विधि प्रकोष्ठ की स्थापना की गयी। |
02.11.1994 |
मुख्य अभियन्ता (परिवाद) की तैनाती की गयी। |
12.03.1996 |
उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम एवं सेतु निगम के प्रबन्ध निदेशक के पदों को लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता (स्तर-2) हेतु रिजर्व किया गया। |
02.08.1996 |
राजस्व मण्डल में नवसृजित मुरादाबाद क्षेत्र (बरेली क्षेत्र से पृथक होकर) एवं इलाहाबाद क्षेत्र (कानपुर क्षेत्र से पृथक होकर) का सृजन कर मुख्य अभियन्ता (स्तर-2) के कार्यालय की स्थापना की गयी। |
वर्ष 2000 |
उत्तराखण्ड राज्य के गठन के फलस्वरूप विभाग से पर्वतीय उपसंवर्ग खत्म करते हुये एवं गढ़वाल एवं कुमाऊॅं क्षेत्र को हस्तानान्तरण कर अनुपातिक पदों का उत्तराखण्ड में स्थानान्तरण किया गया। |
09.01.2001 |
भारत सरकार द्वारा संचालित पी0एम0जी0एस0वाई0 के कार्यों हेतु समर्पित खण्डों की स्थापना की गयी। |
25.02.2005 |
लोक निर्माण विभाग में प्रमुख अभियन्ता के तीन पदों क्रमशः विकास, ग्रामीण सड़क तथा परिकल्प एवं नियोजन का सृजन किया गया। |
28.08.2008 |
लोक निर्माण विभाग में मुख्य अभियन्ता (स्तर-2) के अस्थायी दो पदों का सृजन किया गया। |
10.09.2013 |
इण्डो नेपाल बॉर्डर में मुख्य अभियन्ताओं की तैनाती की गयी। |