योजनाओं के नाम

वर्ष 1996-97 में प्रारम्भ की गई इस योजनान्तर्गत प्रदेश में ग्रामों को पक्के सम्पर्क मार्ग से जोड़ने हेतु इस योजनान्तर्गत कार्य स्वीकृत किये जाते है। इस योजनान्तर्गत आर0आई0डी0एफ0 - 2 से 7 तक स्वीकृत कार्यो पर नाबार्ड द्वारा स्वीकृत लागत का 90 प्रतिशत ऋण के रूप में स्वीकृत किया गया है तथा शेष 10 प्रतिशत प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया गया है। आर0आई0डी0एफ0- 8 व 9 योजनान्तर्गत कोई भी मार्ग स्वीकृत नही किया है। वर्ष 2005-06 में आर0आई0डी0एफ0- 10, 11 व वर्ष 2007-08 में आर0आई0डी0एफ0-12 वर्ष 2008-09 में आर0आई0डी0एफ0.14, वर्ष 2009-10 में आर0आई0डी0एफ0-15, वर्ष 2010-11 एवं 2011-12 में आर0आई0डी0एफ0-16, वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 में आर0आई0डी0एफ0- 17, वर्ष 2012-13 में आर0आई0डी0एफ0-18 व वर्ष 2013-14 में आर0आई0डी0एफ0-19 योजनान्तर्गत मार्ग कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जिनमें नाबार्ड द्वारा स्वीकृत लागत का 80 प्रतिशत ऋण के रूप में तथा शेष 20 प्रतिशत प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाना है। आर0आई0डी0एफ0-2 से आर0आई0डी0एफ0-15 तक कार्य पूर्ण हो चुके हैं। वर्तमान में आर0आई0डी0एफ0-16 से 19 योजनान्तर्गत कार्य प्रगति में हैं। आर0आई0डी0एफ0-16 से 19 योजनान्तर्गत निरस्तीकरण के उपरान्त कुल 2426 कार्य निर्माणाधीन हैं, जिनकी वास्तविक लागत 1407.98 करोड़ लागत के स्वीकृत है। माह दिसम्बर, 2014 तक  1249.45 करोड़ व्यय कर 2015 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। वर्ष 2014-15 के आय-व्ययक में आर0आई0डी0एफ0 योजना में चालू कार्यो हेतु 300 करोड़ एवं ग्रामीण मार्गो के नये कार्यो हेतु 1 हजार की प्रतीकात्मक बजट व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में प्रमुख / अन्य जिला मार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढ़ीकरण के चालू कार्यों हेतु 3.00 करोड़ एवं नये कार्यो हेतु 83.00 करोड़ इस प्रकार कुल 386.0001 करोड़ बजट व्यवस्था है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में आर0आई0डी0एफ0-20 योजनान्तर्गत 120 प्रमुख / अन्य जिला मार्गों के सुदृढ़ीकरण के प्रस्ताव जिनकी लागत  485.88 करोड़ के चौड़ीकरण सुदृढ़ीकरण के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु उपलब्ध कराये जा चुके है।

वर्ष 2015-16 के आय-व्ययक में आर0आई0डी0एफ0 योजना में चालू ग्रामीण मार्ग कार्यो हेतु 20.00 करोड़ एवं नये ग्रामीण मार्ग कार्यो हेतु एक हजार की प्रतीकात्मक व्यवस्था तथा प्रमुख / अन्य जिला मार्गों के चौड़ीकरण सुदृढ़ीकरण के चालू कार्यो हेतु 350.00 करोड़ व नये कार्यो हेतु 20.00 करोड़ का बजट प्राविधान प्रस्तावित है। इस धनराशि से लगभग 50 कि0मी0 ग्रामीण मार्गो के नव निर्माण तथा लगभग 500 कि0मी0 लम्बाई में प्रमुख / अन्य जिला मार्गों के सुदृढ़ीकरण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है।

राज्य सरकार प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों को 4 लेन / 2 लेन विद पेव्ड शोल्डर मार्ग से जोड़ने के लिए कटिबद्ध है। प्रदेश को सुगम यातायात उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से समस्त जिला मुख्यालयों को 4 लेन चैड़े मार्ग से जोड़ना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश के 30 जिला मुख्यालय (लखनऊ, रामपुर, औरैया, कानपुर, मुरादाबाद, इटावा, बाराबंकी, कानपुर देहात, फिरोजाबाद, फैजाबाद, गाजियाबाद, आगरा, बस्ती, उन्नाव, मथुरा, संतकबीरनगर, झांसी, हापुड़, गोरखपुर, उरई, मुजफ्फरनगर, सीतापुर, चन्दौली, मेरठ, शाहजहाँपुर, वाराणसी, बरेली, फतेहपुर, इलाहाबाद एवं ललितपुर) 4 लेन / 2 लेन विद पेव्ड शोल्डर मार्ग से पूर्व से ही जुड़े हुए हैं तथा 10 जिला मुख्यालय (गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर, अलीगढ़, रायबरेली, सुल्तानुपर, अम्बेडकरनगर, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ एवं गाजीपुर) भारत सरकार की स्वीकृत योजना (एनएचडीपी) के अन्तर्गत प्रस्तावित 4 लेन राष्ट्रीय राजमार्गो से जुड़ जायेंगे तथा 9 जिला मुख्यालय (कन्नौज, एटा, प्रतापगढ़, बांदा, अमेठी, हमीरपुर, हाथरस, मिर्जापुर एवं पीलीभीत) 2-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित हैं जो 2-लेन विद पेव्ड शोल्डर किए जाने हेतु भारत सरकार की स्वीकृत योजना (एनएचडीपी) एवं 02 जिला मुख्यालय (बहराइच एवं सिद्धार्थनगरद) एन0एच0 के अन्तर्गत ई0पी0सी0 मोड पर प्रस्तावित 2 लेन (विद पेव्ड शोल्डर) राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ जायेंगे। शेष 24 जनपदों की स्थिति निम्नवत है :-

10 जिला मुख्यालयों (सहारनपुर, बागपत, शामली, सोनभद्र, बलरामपुर, गोण्डा, हरदोई, महराजगंज, लखीमपुर खीरी एवं बिजनौर) को 4 लेन मार्ग से जोड़े जाने का कार्य उ0प्र0 राज्य राजमार्ग प्राधिकरण (उपशा) के अन्तर्गत प्रस्तावित / निर्माणाधीन हैं।

लो0नि0वि0 बजट द्वारा 03 जिला मुख्यालय (चित्रकूट, महोबा एवं कुशीनगर) जो राष्ट्रीय राज मार्ग पर स्थित हैं उन्हे लो0नि0वि0 बजट से एन0एच0 द्वारा 2 लेन मार्ग (विद पेव्ड शोल्डर) से जोड़ा जाना प्रस्तावित है। 11 जिला मुख्यालयों (मैनपुरी, अमरोहा, सम्भल, श्रावस्ती, कौशाम्बी, बंदायू, फर्रूखाबाद, बलिया, कासगंज, देवरिया, एवं संतरविदासनगर) को 4 लेन मार्ग से इस प्रकार कुल 14 जिला मुख्यालयों को जोड़ने का कार्य लो0नि0वि0 के अन्तर्गत प्रस्तावित / निर्माणाधीन है।

उपरोक्त के साथ-साथ कालपी से हमीरपुर मार्ग को 04 लेन मार्ग से अतिरिक्त जोड़ने के लिये लो0नि0वि0 द्वारा अपनी योजना में सम्मिलित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत अभी तक जनपद इटावा से मैनपुरी को जोड़ने हेतु दो कार्यो की स्वीकृति कुल लागत 598.63 करोड़ जोया अमरोहा मार्ग की स्वीकृति कुल लागत 23.21 करोड़, मुरादाबाद सम्भल मार्ग की स्वीकृति की कुल लागत 136.33 करोड़, बहराईच भिन्गा मार्ग की स्वीकृति की कुल लागत 164.36 करोड़, मूरतगंज से मंझनपुर मार्ग की स्वीकृति की कुल लागत 74.72 करोड़, हमीरपुर कालपी मार्ग की स्वीकृति की कुल लागत 289.47 करोड़, बरेली बंदायू मार्ग की स्वीकृति की कुल लागत 244.34 करोड़, छिबरामऊ से फतेहगढ़ मार्ग की स्वीकृति की कुल लागत 81.82 करोड़, कुशीनगर - पडरौना मार्ग की स्वीकृति की कुल लागत 29.10 करोड़ एवं मऊ-बलिया मार्ग की स्वीकृति की कुल लागत 197.55 करोड़ निर्गत की गई है।

वर्ष 2014-15 में इस योजनान्तर्गत अनुपूरक / पुर्नविनियोग के उपरान्त चालू कार्यों हेतु 691.50 करोड़ तथा नये कार्यों हेतु 115.50 करोड़ की बजट व्यवस्था है। वर्ष 2015-16 में इस योजना के चालू कार्यो हेतु 900.00 करोड़ तथा नये कार्यों हेतु 100.00 करोड़ की बजट व्यवस्था किया जाना प्रस्तावित है।

यह योजना वर्ष 2010-11 से प्रारम्भ की गयी थी। वर्तमान में इस योजनान्तर्गत 3 मार्गों को दो लेन तक चौड़ीकरण / सुदृढ़ीकरण का कार्य प्रगति में है। वर्ष 2014-15 में इस योजना के अन्तर्गत 20.00 करोड़ की बजट व्यवस्था है। वर्ष 2015-16 में एक हजार की प्रतीकात्मक बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

(क) प्रदेश सरकार की सम्पर्क मार्गों से असंतृप्त 250 से अधिक आबादी की समस्त बसावटों को पक्के मार्गों से जोड़ने की प्राथमिकता है। वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर 250 से 499 आबादी के 17835 बसावटें अभी सम्पर्क मार्गों से नहीं जुड़ी है। 500 से अधिक आबादी की बसावटों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत जोड़ा जाना प्रस्तावित है। 500 से अधिक आबादी की ऐसी अनजुड़ी बसावटें जो पी0एम0जी0एस0वाई0 मानकों से आच्छादित नहीं है कि कुल सं0. 6221 है। इनको भी प्रदेश के संसाधनों से सम्पर्क मार्गो से संतृप्त किया जाना प्रस्तावित है।

(ख) विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत ग्रामों / बसावटों को सम्पर्क मार्ग से वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जोड़ने के सम्बन्ध में विवरण निम्न तालिका में दर्शाया गया है :-

वर्ष 2014-15

क्र0 सं0योजना का नामआय-व्ययक में प्राविधानित धनराशि करोड़ मेंनिर्मित किये जाने वाले  सम्पर्क मार्गो की लम्बाई (कि0मी0 में)सम्पर्क मार्गो से जुड़ने वाले  ग्रामों/बसावटों की सं0
1 2 3 4 5
1 जिला योजना  (सामान्य) 275.00 550.00 500
2 आर0आई0डी0एफ0 300.00 600.00 400
3 नक्सल प्रभावित क्षेत्र 40.00 80.00 100
4 स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान (समग्र ग्राम) 128.00 250.00 250
5 स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान (अन्य) 110.00 220.00 200
6 समग्र ग्राम योजना (नान एस.सी.पी.) 700.00 1200.00 1000
7 श्री राम शरण दास ग्राम सड़क योजना 200.00 200.00 200
8 व्यापार विकास निधि 190.00 350.00 250
  योग 1943.00 3450.00 2900

वर्ष 2015-16

क्र0 सं0योजना का नामआय-व्ययक में प्राविधानित धनराशि करोड़ मेंनिर्मित किये जाने वाले  सम्पर्क मार्गो की लम्बाई (कि0मी0 में)सम्पर्क मार्गो से जुड़ने वाले  ग्रामों/बसावटों की सं0
1 2 3 4 5
1 जिला योजना  (सामान्य) 180.50 360.00 1700
2 आर0आई0डी0एफ0 20.00 40.00
3 नक्सल प्रभावित क्षेत्र 10.00 20.00
4 स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान (समग्र ग्राम) 100.00 200.00
5 स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान (अन्य) 30.00 60.00
6 समग्र ग्राम योजना (नान एस.सी.पी.) 300.00 600.00
7 श्री राम शरण दास ग्राम सड़क योजना 155.00 300.00
8 व्यापार विकास निधि 50.00 100.00
9 अनजुड़ी बसावटों 10.00 20.00
योग 855.50 1700.00 1700

ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण ग्रामीण सम्पर्क मार्गों के अनुरक्षण पर पर्याप्त धनराशि उपलब्ध नहीं हो पाती है। वर्ष 2012-13 वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में चयनित 5799 समग्र ग्राम के मुख्य राजस्व ग्राम तथा 1000 से अधिक आबादी के ऐसें ग्रामों / बसावटों जो पूर्व में सम्पर्क मार्गो से जुडे हुए है तथा अत्याधिक क्षतिग्रस्त एवं ध्वस्त है उनके पुर्ननिर्माण हेतु कोई योजना नहीं है। अतः वर्ष 2014-15 में समग्र ग्रामों एवं 1000 से अधिक आबादी के ध्वस्त सम्पर्क मार्गों के पुर्ननिर्माण की नई योजना प्रारम्भ की गयी है। जिसके लिए वर्ष 2014-15 में 100.00 करोड़ की बजट व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त क्षतिग्रस्त ग्रामीण मार्गों के पुर्ननिर्माण हेतु जिला योजना के अन्तर्गत 22.00 करोड़ तथा स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान के अन्तर्गत 61.00 करोड़ की बजट व्यवस्था की गयी थी। जिससे 110 कि0मी0 मार्गों का पुनर्निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। वर्ष 2015-16 में समग्र ग्राम एवं 1000 से अधिक आबादी के ध्वस्त सम्पर्क मार्गों के पुर्ननिर्माण हेतु 50.00 करोड़ए जिला योजना के अन्तर्गत 35.00 करोड़ तथा स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान के अन्तर्गत 20.00 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

विगत पाँच वर्षो में आय.व्ययक में प्राविधानित धनराशि एवं किये गये व्यय का विवरण निम्न तालिका में दर्शाया गया हैः.

क्र0सं0वर्षमार्ग एवं सेतु कार्यो के निर्माण पुनर्निर्माण एवं मरम्मत हेतु आय-व्ययक में प्राविधानित धनराशि--करोड़ में--कुल व्यय
--करोड़ में--
1 2010-11 6943.7900 6423.6300
2 2011-12 7722.8000 6383.2000
3 2012-13 7355.8663 7269.5634
4 2013-14 9553.1635 9447.5318
5 2014-15 12902.4623 6315.7084
दिसम्बर, 2014
6 2015-16-प्रस्तावित 12136.7816  

उक्त तालिका से स्पष्ट है कि वर्ष 2010-11 के आय.व्ययक में मात्र 6943.79 करोड़ का बजट प्राविधान था जिसे बढ़ाकर वर्ष 2015-16 में 12136.7816 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है। प्रदेश के बहुमुखी विकास के लिये मार्गो एवं सेतुओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उक्त आकड़ों से स्पष्ट है कि मार्गो / सेतुओं के निर्माण तथा इनके उचित रख.रखाव एवं सुधार के लिये विगत वर्षो की तुलना में काफी अधिक धनराशि उपलब्ध कराते हुयें मार्ग / सेतुओं के निर्माण कार्यो को गति प्रदान की गई है।

शासनादेश सं0- 447/66-2012-05/2012 दिनांक 17.05.2012 द्वारा राजस्व ग्रामों के चहुमुखी विकास हेतु प्रदेश में डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना लागू की गयी है। इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2012-13 में 1598 तथा उसके पश्चात अनुवर्ती 04 वर्षों में 2100 ग्राम प्रतिवर्ष अर्थात कुल 9998 राजस्व ग्रामों का चयन किया जाना है। इस योजना का उद्देश्य उन राजस्व ग्रामों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ना है, जो विकास के आधारभूत सुविधाओं यथा सम्पर्क मार्ग, पेयजल इत्यादि से वंचित हैं।

वित्तीय वर्ष 2014-15 में चालू कार्यों हेतु 528.00 करोड़ एवं नये कार्यों हेतु 300.00 करोड़ इस प्रकार कुल 828.00 करोड़ बजट प्राविधान है। वर्ष 2014-15 में माह जनवरी, 2015 तक इस योजनान्तर्गत 885 कार्यों, जिनकी लम्बाई 898.235 कि0मी0 एवं लागत 399.07 करोड़ (मनरेगा अंश की लागत को छोड़कर) की स्वीकृति प्रदान की गयी है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में चालू कार्यों हेतु 200.00 करोड़ तथा नये कार्यों हेतु 200.00 करोड़ इस प्रकार कुल 400.00 करोड़ (एक मुश्त व्यवस्था) का बजट प्रस्तावित है।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास हेतु वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 500 अथवा उससे अधिक आबादी की 2663 अनजुड़ी बसावटों में से (जो पी0एम0जी0एस0वा0ई0 से आच्छादित नहीं है) उनको पक्के सम्पर्क मार्गों से जोड़ने हेतु वर्ष 2014-15 में नई योजना प्रारम्भ की गयी है।

इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में नये कार्यों हेतु अनुपूरक सहित 200.00 करोड़ का बजट प्राविधान है। वर्ष 2014-15 में माह जनवरी 2015 तक इस योजनान्तर्गत 846 कार्यों जिनकी लम्बाई 847.871 कि0मी0 एवं लागत 359.8323 करोड़ (मनरेगा अंश की लागत को छोड़कर) की स्वीकृति प्रदान की गयी है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में चालू कार्यों हेतु 150.00 करोड़ तथा नये कार्यों हेतु 5.00 करोड़ इस प्रकार कुल 155.00 करोड़ (एक मुश्त व्यवस्था) का बजट प्रस्तावित है।

भारत सरकार द्वारा सड़कों के विकास हेतु पेट्रोल व डीजल पर सेस के माध्यम से प्राप्त होने वाली धनराशि से पोषित केन्द्रीय मार्ग निधि योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकारों को उनके क्षेत्र के अन्तर्गत प्रमुख मार्गो के विकास हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उत्तर प्रदेश में इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के महत्वपूर्ण राज्य मार्गो / प्रमुख जिला मार्गो /  अन्य जिला मार्गो का चौड़ीकरण / सुदृढ़ीकरण का कार्य एवं इन कार्यो पर पड़ने वाले सेतुओं / उपरिगामी सेतुओं के निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। विगत पांच वर्षो में इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में स्वीकृत कार्यो एवं केन्द्र सरकार से इस योजना के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि व व्यय का विवरण निम्न प्रकार हैः.

(धनराशि लाख में)

क्र0 सं0वर्षवर्ष में स्वीकृत कार्यो की सं0वर्ष में स्वीकृत कार्यो की लागतवर्ष में केन्द्र सरकार द्वारा अवमुक्त धनराशिवर्ष में किया गया कुल व्यय
1 2 3 4 5 6
1 2009-10 19 46411.30 16722.00 29557.03
2 2010-11 26 49705.89 19435.00 38528.00
3 2011-12 16 17317.89 21025.00 23120.73
4 2012-13 0 0.00 22210.00 23443.91
5 2013-14 0 0.00 19643.30 23620.00
6 2014-15 (12/2014) 0 0.00 24626.00 5054.92

केन्द्रीय मार्ग निधि एवं इण्टर स्टेट कनेक्टिविटी योजना के अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में इस योजना के अधिनीत कार्यो हेतु एक.एक हजार एवं नये कार्यों हेतु एक-एक हजार की प्रतीकात्मक बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

तेरहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के परिपेक्ष्य में पूर्वान्चल व बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास हेतु सम्पादित कराये जाने वाले कार्यो के अतिरिक्त इन्डो-नेपाल बार्डर से लगे 7 जनपदों (पीलीभीत, खीरी, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराईच, सिद्र्धाथनगर व महाराजगंज) के तहसील मुख्यालयों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले सम्पर्क मार्गों के लगभग 152 कि0मी0 लम्बाई में चौड़ीकरण / सुदृढ़ीकरण व सुधार हेतु वर्ष 2011-12 से 2014-15 तक प्रत्येक वर्ष 62.50 करोड़ की धनराशि भारत सरकार से प्राप्त होनी है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में इस योजना हेतु 62.50 करोड़ का बजट प्राविधान था, जिसके सापेक्ष 2.5463 करोड़ की धनराशि समर्पित की गयी थी। वर्ष 2014-15 में वर्ष 2011-12 की समर्पित धनराशि को सम्मिलित करते हुए 135.00 करोड़ की धनराशि की बजट व्यवस्था है।

पूर्वान्चल क्षेत्र के 9 जनपदों (चन्दौली, मऊ, फतेहपुर, सन्तरविदासनगर, आजमगढ़, गोण्डा, गोरखपुर, गाजीपुर व सन्तकबीरनगर) के त्वरित विकास हेतु तहसील मुख्यालयों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले सम्पर्क मार्गों के लगभग 117 कि0मी0 लम्बाई में चौड़ीकरण / सुदृढ़ीकरण व सुधार हेतु वर्ष 2011-12 से वर्ष 2014-15 तक प्रत्येक वर्ष 37.50 करोड़ की धनराशि भारत सरकार से प्राप्त होनी है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में इस योजना में 75.00 करोड़ का बजट प्राविधान था। वर्ष 2014-15 में जनपद सन्तकबीर नगर के 01 नये कार्यए लागत 18.0844 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। तद्नुसार इस योजना के कार्यों को पूर्ण करने हेतु वर्ष 2014-15 में 37.50 करोड़ की धनराशि की बजट व्यवस्था की गयी है।

बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 5 जनपदों (महोबा, हमीरपुर, झाँसी, ललितपुर व जालौन) के त्वरित विकास हेतु तहसील मुख्यालयों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले सम्पर्क मार्गों के लगभग 108 कि0मी0 लम्बाई में चौड़ीकरण / सुदृढ़ीकरण व सुधार हेतु वर्ष 2011-12 से वर्ष 2014-15 तक प्रत्येक वर्ष 37.50 करोड़ की धनराशि भारत सरकार से प्राप्त की जानी प्रस्तावित है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में इस योजना हेतु 75.00 करोड़ का बजट प्राविधान था। इस योजना के कार्यों को पूर्ण करने हेतु वर्ष 2014-15 में 37.50 करोड़ की धनराशि की बजट व्यवस्था की गयी है। यह योजना वर्ष 2014-15 में समाप्त हो रही है।

गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा सामरिक महत्व की भारत.नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के सात जनपदों क्रमशः पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराईच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर एवं महाराजगंज के कुल लम्बाई 640.00 कि0मी0 लागत 1621.00 करोड़ के कार्य वर्ष 2010-11 में सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान किया गया। विस्तृत सर्वेक्षण के उपरान्त एस0एस0बी0 के साथ संयुक्त निरीक्षण कर मार्ग का संरेखण निर्धारित किया गया है जिसके अनुसार परियोजना की कुल लम्बाई 574.57 कि0मी0 एवं आकंलित लागत 3110.00 करोड़ है। तदानुसार 28 डी0पी0आर0 गठित कर भारत सरकार नयी दिल्ली को प्रेषित की गयी है। परियोजना के अन्तर्गत 257.01 कि0मी0 तथा लागत 735.83 करोड़ की कुल 12 डी0पी0आर0 पर गृह मंत्रालयए भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृत निर्गत की गयी है। अवशेष 16 डी0पी0आर0 की स्वीकृत हेतु गृह मंत्रालयए भारत सरकार, नयी दिल्ली की एच0एल0ई0सी0 की बैठक मार्च, 2014 में सम्पन्न हुयी जिसमें निर्णय लिया गया है कि इन कार्यो के संरेखण पर पड़ने वाले वनध्वन्य जीव क्लीरेन्स के प्रस्ताव तैयार कर एवं अनापत्ति प्राप्त किये जाने के उपरान्त ही स्वीकृत किये जाने पर विचार किया जायेगा। तदानुसार वनध्वन्य जीव क्षेत्र में संरेखण निर्धारण एवं पेड़ो की गिनती व सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। प्रस्ताव पर अनापत्ति प्राप्त होने के पश्चात भारत सरकार से अवशेष डी0पी0आर0 पर वर्ष 2015-16 में स्वीकृत प्राप्त होना सम्भावित है।

भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत 257.01 कि0मी0 लम्बाई के 12 डी0पी0आर0 के अन्तर्गत 219 कि0मी0 लम्बाई के 11 कार्यो के अनुबंध गठित हो चुके हैं, जिनमें कार्य प्रगति में है तथा 01 कार्य की निविदा दि0 26.02.2015 को प्राप्त की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में परियोजना के 11 चालू निर्माण कार्यो पर 70.00 करोड़ एवं 01 नये निर्माण कार्य पर 6.00 करोड़ व्यय किये जाने का लक्ष्य है। जिसके सापेक्ष दिसम्बर 2014 तक 32.68 करोड़ की धनराशि का व्यय कर लिया गया है।

परियोजना के अन्तर्गत भूमि अध्याप्ति के कार्यो हेतु जनपदवार 173.00 करोड़ के आगणन पर प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृत प्रदान की गयी है। भूमि अध्याप्ति कार्यो पर 156.52 करोड़ (एक मुश्त व्यवस्था) का बजट प्राविधान स्वीकृत है। जिसके सापेक्ष चालू वित्तीय वर्ष में 64.53 करोड़ व्यय किये जाने का लक्ष्य है। दिसम्बर 2014 तक भूमि अध्याप्ति कार्यो पर 29.15 करोड़ का व्यय कर लिया गया है। नये भूमि अधिग्रहण एक्ट लागू होने के कारण भूमि अध्याप्ति की अपेक्षित प्रगति प्राप्त नहीं हो सकी।

वित्तीय वर्ष 2015-16 में परियोजना के स्वीकृत चालू कार्यो के निर्माण कार्य हेतु 200.00 करोड़ (एक मुश्त व्यवस्था) की धनराशि का प्राविधान प्रस्तावित है एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्राप्त होने वाली स्वीकृतियों हेतु (नये कार्य हेतु) 50.00 करोड़ (एक मुश्त व्यवस्था) एवं परियोजना की भूमि अध्याप्ति के चालू कार्यो हेतु 100.00 करोड़ (एक मुश्त व्यवस्था) की धनराशि एवं वर्ष 2015-16 में स्वीकृत होने वाले भूमि अध्याप्तिध्वन पूर्वानुमति कार्यो के नये कार्यो हेतु 20.00 करोड़ (एक मुश्त व्यवस्था) का बजट प्राविधान प्रस्तावित है।

वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्रदेश में एक नई योजना के अन्तर्गत 04 चयनित जनपदों (महोबा, सहारनपुर, मिर्जापुर व फतेहपुर) के अन्य जिला मार्ग श्रेणी एवं इससे उच्च श्रेणी के मार्गों के सुदृढ़ीकरण एवं तदोपरान्त उनके परफार्मेन्स आधारित पाँच वर्ष के अनुरक्षण कराने हेतु 300.00 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है। जिसमें ठेकेदार द्वारा परफार्मेन्स आधारित पाँच वर्ष के अनुरक्षण भी किया जाना है। प्रत्येक जनपद से लगभग 500.00 करोड़ लागत के कार्य किये जाने अनुमानित है। वर्ष 2015-16 के आय.व्ययक में कार्य को प्रारम्भ करने हेतु नया मद सृजित किया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए 100.00 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

प्रदेश में लो0नि0वि0 के स्वामित्व वाले कोर रोड नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण हेतु लगभग 8135 करोड़ की आवश्यकता है। प्रदेश में महत्वपूर्ण मार्गो का एक कोर रोड नेटवर्क चिन्हित किया गया है। जिस पर विशेष ध्यान देते हुए सुदृढ़ीकरण एवं आवश्यकतानुसार चौड़ीकरण किया जाना प्रस्तावित है। वर्ष 2015-16 के आय.व्ययक में कार्य को प्रारम्भ करने हेतु नया मद सृजित किया जाना प्रस्तावित हैए जिसके लिए प्रथम चरण में 350.00 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढ़ीकरण / सौन्दर्यीकरण / उच्चीकरण / पुनर्निर्माण के कार्यों हेतु टूरिज्म रोड फन्ड्स की स्थापना हेतु मुख्य सचिव महोदय द्वारा निर्देश दिये गये हैं। इस धनराशि से पर्यटन विभाग द्वारा चिन्हित मार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढ़ीकरण / सौन्दर्यीकरण / उच्चीकरण पुनर्निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है इस हेतु वर्ष 2015-16 के आय-व्ययक में इस हेतु 25.00 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

वर्ष 2014-15 में अनुदान सं0. 83 (स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान) सड़क एवं पुल मद के अन्तर्गत नये कार्यो हेतु कुल 160.00 करोड़ की धनराशि का बजट प्राविधान प्रस्तावित किया गया है। जिसके सापेक्ष 138.23 करोड़ की स्वीकृति जारी हो चुकी है। उक्त धनराशि में से डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 हेतु चयनित किये जाने 2100 समग्र ग्रामों एवं अन्य ग्रामों की असंतृप्त लगभग कुल 180 बसावटों (अनुसूचित जाति / जनजाति बाहुल्य) को जोड़ने हेतु लगभग 300 किमी0 लम्बाई में मार्ग निर्माण कर जोड़ा जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त प्रश्नगत योजनान्तर्गत नये कार्यो हेतु 20.00 करोड़ की धनराशि से चयनित ग्रामों एवं अन्य ग्रामों (अनुसूचित जाति / जनजाति आबादी से आच्छादित) के पूर्व निर्मित / ध्वस्त सम्पर्क मार्गों / लघु सेतुओं का पुर्ननिर्माण कार्य 110 कि0मी0 लम्बाई में किया जाना प्रस्तावित है तथा अनुपूरक बजट से 01.04.2014 के पूर्व से स्वीकृत चालू कार्यों पर समग्र एस0सी0पी0 में 28.00 करोड़, एस0सी0पी0 नॉन समग्र में 50.00 करोड़ एवं पुनर्निर्माण के चालू कार्यों पर 41 करोड़ प्राप्त हुआ है। जिसके सापेक्ष क्रमशः 12.17 करोड़ए 49.74 करोड़ एवं 4.89 करोड़ की स्वीकृतियां निर्गत की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त बुन्देलखण्ड विकास निधि एवं पूर्वान्चल विकास निधि हेतु क्रमशः 30.00 करोड़ एवं 100.00 करोड़ का बजट प्राविधान प्रस्तावित है।

वर्ष 2015-16 हेतु प्रदेश स्तर पर अनजुड़े ग्रामों / बसावटों में से ऐसी बसावटें जिनमें अनुसूचित जाति / जनजाति की आबादी 25 प्रतिशत अथवा उससे अधिक है, को जोड़ने हेतु ग्रामीण सम्पर्क मार्गो / लघु सेतुओं के नये कार्यो के निर्माण हेतु 30.00 करोड़, एस0सी0पी0 के चालू कार्यों हेतु एक हजार डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत एस0सी0पी0 के कार्यों हेतु 100.00 करोड़, डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत एस0सी0पी0 के चालू कार्यों हेतु एक हजाऱ एस0सी0पी0 के अन्तर्गत पूर्व से स्वीकृत एवं ध्वस्त मार्गो के पुनर्निर्माण हेतु 20.00 करोड़ तथा एस0सी0पी0 के अनतर्गत पुनर्निर्माण के चालू कार्यो हेतु एक हजार की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।

उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत वर्तमान में सड़को की कुल लम्बाई 203459 कि0मी0 है, जिसमें से 7550 कि0मी0 राष्ट्रीय मार्ग 7486 कि0मी0 राज्य मार्गए 7358 कि0मी0 प्रमुख जिला मार्गए 41934 कि0मी0 अन्य जिला मार्ग व 139130 कि0मी0 ग्रामीण मार्ग सम्मिलित है। इन मार्गो में राष्ट्रीय मार्गो को छोड़कर शेष श्रेणी के सभी मार्गो का रख रखाव लो0नि0वि0 के बजट से ही किया जाता है।
वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में अनुरक्षण के कार्यो की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति तथा वर्ष 2015-16 अनुरक्षण कार्यो के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य निम्नानुसार हैः.

मार्गो के वार्षिक अनुरक्षण, नवीनीकरण तथा विशेष मरम्मत के कार्य

 

क्रम सं0मदवित्तीय वर्ष 2013-14वित्तीय वर्ष 2014-15वित्तीय वर्ष 2015-16
भौतिक प्रगति
(कि.मी.में)
वित्तीय प्रगति
करोड़ में
भौतिक लक्ष्य
कि.मी.में
वित्तीय लक्ष्य
करोड़ में
संभावित भौतिक लक्ष्य
कि.मी. में
संभावित वित्तीय
लक्ष्य
करोड़ में
1 2 3 4 5 6 7 8
1 सामान्य अनुरक्षण 64319 330.00 50000 222.00 60000 600.00
2 नवीनीकरण 11588 1196.00 15000 1785.00 12500 1400.00
3 विशेष मरम्मत 3838 530.16 9500 1135.00 7500 1000.00
योगः- 79745 2056.16 74500 3142.00 80000 3000.00

वर्ष 2015-16 में अंकित भौतिक व वित्तीय लक्ष्य सम्भावित है।

भारत सरकार द्वारा दिसम्बर 2000 में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास तथा आवागमन की सुविधा को ध्यान में रखते हुये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रारम्भ की गयी। उत्तर प्रदेश में 1000 से अधिक आबादी के 39,139 तथा 500 से 999 आबादी के 41,452 मजरे है। भारत सरकार द्वारा 1000 आबादी के ऊपर के सभी ग्रामीण मजरों को वर्ष 2003 तक तथा 500 से ऊपर की आबादी के सभी मजरों को वर्ष 2007 तक पक्के मार्गों से जोड़ने का लक्ष्य प्रस्तावित थाए परन्तु सीमित संसाधनों को देखते हुये प्रथम चरण के लक्ष्य को पूरा किया जाना सम्भव नहीं हो पाया। नव सम्पर्कता के साथ-साथ मार्गों के उच्चीकरण कार्य भी प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत आच्छादित हैं। प्रदेश में इस योजना का संचालन ग्राम्य विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग 42 जनपदों में कार्यदायी है।

वर्ष 2014-15 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत 991 मार्ग लम्बाई 3732 कि0मी0 को 1168 करोड़ की धनराशि में पूर्ण करते हुए 587 बसावटों को जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 350 करोड़ ही प्राप्त हो सके हैं। प्राप्त धनराशि के अन्तर्गत माह 12/2014 तक 327 मार्ग लम्बाई 1920 कि0मी0 को पूर्ण करते हुए 241 बसावटों को जोड़ा जा चुका है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत फेज-3 से फेज-10 तक में स्वीकृतियों के सापेक्ष माह 12/2014 तक पूर्ण एवं निरस्तीकरण के पश्चात अवशेष नवसम्पर्कता / उच्चीकरण हेतु मार्गों की कुल संख्या 824, लम्बाई 2309 कि0मी0 एवं लागत 999 करोड़ है जिससे नवसम्पर्कता के अधीन 451 बसावटें लाभान्वित होनी है। पी0एम0जी0एस0वाई0-2 के अन्तर्गत 23 जनपदों में 116 मार्ग लम्बाई 937 कि0मी0 एवं लागत 602 करोड़ हेतु स्वीकृति उच्चीकरण मद में प्राप्त है। इस वित्तीय वर्ष में माह 03/2015 तक धनावंटन न हो पाने की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए माह 12/2014 के अवशेष को ही वित्तीय वर्ष 2015-16 हेतु संम्भावित अवशेष मानते हुए फेजवार विवरण तालिका पृष्ठ-34 में दर्शाया गया है।

वर्ष 2015-16 में फेज-3 से फेज-10 के अवशेष 824 मार्ग लम्बाई 2309 कि0मी0 एवं लागत 999 करोड़ के अन्तर्गत 451 बसावटों को जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पी0एम0जी0एस0वाई0-2 में स्वीकृत मार्गों के अन्तर्गत 93 मार्गए लम्बाई 749 कि0मी0 एवं धनराशि 481 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2015-16 में कुल 917 मार्ग लम्बाई 3059 कि0मी0 एवं लागत 1480 करोड़ में 451 बसावटों को पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

पी0एम0जी0एस0वाई0-2 में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत 42 जनपदों में से 23 जनपदों में ही कार्य की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हुई है। समस्त स्वीकृत कार्य निविदा प्रक्रिया में है अवशेष 19 जनपदों में 103 मार्ग लम्बाई 848 कि0मी0 एवं लागत 527 करोड़ के प्रस्ताव का अनुमोदन भारत सरकार की इम्पावर्ड कमेटी से हो चुका हैए परन्तु विधिवत् स्वीकृति भारत सरकार से अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।

राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत 60 मीटर से अधिक लम्बाई के दीर्घ सेतुओं का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड द्वारा तथा 60 मीटर से कम लम्बाई के लघु सेतुओं का निर्माण लो0नि0वि0 द्वारा किया जाता है। रेल उपरिगामी सेतुओं के अतिरिक्त सभी पहुँच मार्ग लो0नि0वि0 द्वारा निर्मित किये जाते हैं।

वित्तीय वर्ष 2014-15 में सेतुध्रेलवे उपरिगामी सेतु के निर्माण हेतु विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत 1641.7501 करोड़ तथा सेतुओं के अनुरक्षण हेतु 17.00 करोड़ की बजट व्यवस्था है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 125 सेतुओं के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है जिसके सापेक्ष माह जनवरी-2015 तक 62 सेतुओं को पहुँच मार्ग सहित पूर्ण किया गया है। पूर्ण सेतुओं में 33 दीर्घ सेतु 16 लघु सेतु एवं 13 रेल उपरिगामी सेतु है।

वित्तीय वर्ष 2015-16 में सेतु / रलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु अनुदान सं0.57 के अन्तर्गत 1380.5602 करोड़ तथा अनुदान सं0. 83 (एस0सी0पी0 कम्पोनेन्ट) के अन्तर्गत 368.8992 करोड़ इस प्रकार कुल 1749.4594 करोड़ की बजट व्यवस्था तथा सेतुओं के अनुरक्षण हेतु 20.00 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल 130 सेतुओं का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।